Friday, 13 January 2017

धोनी के इस्तीफे की वजह यह तो नहीं!



Breaking News : प्रशंसक, पूर्व खिलाड़ी और क्रिकेट से जुड़े तमाम लोग महेंद्र सिंह धोनी के उस हालिया फैसले पर हैरान रह गए, जब सभी प्रारूपों में भारत के सबसे सफल कप्तान ने सीमित ओवरों के खेल में भारत की कप्तानी छोड़ दी। लोगों ने हैरानी भरी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि धोनी से ऐसा क्यों किया? वहीं दूसरे लोग इस सवाल को दूसरे नजरिये से भी पूछ रहे हैं कि आखिर धोनी को ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए था? दशक भर से देश की कप्तानी संभाल रहे धोनी का यही अंदाज रहा है कि उन्होंने निजी हितों पर टीम को ही हमेशा तरजीह दी है। निश्चित रूप से इस पहलू ने अहम भूमिका निभाई हो लेकिन पूरी कहानी यहीं खत्म नहीं हो जाती।
व्यावसायिक हितों जैसे शब्द की व्याख्या करते हुए लोढ़ा समिति की रिपोर्ट में दर्शाया गया, 'डी टीम का कप्तान है। साथ ही वह खेल प्रबंधन एजेंसी में सह-मालिक भी है, जो टीम के अन्य सदस्यों से जुड़े अनुबंधों को देखती है। डी हितों के टकराव से प्रभावित है।' रिपोर्ट में आगे कहा गया, 'इस मामले में जब असंदिग्ध साख वाले तमाम क्रिकेटरों से पड़ताल की गई कि कि आखिर हितों के टकराव की क्या स्थिति हो सकती है तो वे हैरान रह गए कि किसी हित टकराव वाली स्थिति के लिए कोई गलत काम जरूरी नहीं है। समिति ने संज्ञान लिया कि किसी पद पर बैठा व्यक्ति खेल में ईमानदारी का अवमूल्यन कर सकता है और ऐसे हालात इन आरोपों के लिहाज से उसे संवेदनशील बना सकते हैं।' अगर धोनी इस्तीफा नहीं देते तो वे इस प्रकार के परिदृश्य के काफी करीब नजर आते क्योंकि उन्हें 6 जनवरी को आगामी एकदिवसीय और टी 20 शृंखलाओं के लिए चयनकर्ताओं की बैठक में सक्रिय भूमिका निभानी पड़ती।
धोनी अपने बचपन के दोस्त अरुण पांडेय के साथ मिलकर रिति स्‍पोर्ट्स मैनेजमेंट नाम की एजेंसी चलाते हैं, जो खुद धोनी सहित दर्जन भर मशहूर शख्सियतों के विज्ञापन अनुबंधों का काम देखती है। इसके साथ के एल राहुल, भुवनेश्वर कुमार, प्रज्ञान ओझा और मोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी जुड़े हुए हैं। इनमें राहुल और भुवनेश्वर एकदिवसीय क्रिकेट टीम का हिस्सा भी हैं। साथ ही धोनी लंबे समय से ऐसी टीम के कप्तान भी रहे हैं, जिसमें नियमित रूप से रवींद्र जाडेजा और सुरेश रैना की मौजूदगी रही। यह तथ्य भी किसी से छिपा नहीं रहा कि ये दोनों खिलाड़ी भी उस समय रिति स्पोट्र्स मैनेजमेंट के साथ थे। रैना ने जहां वर्ष 2015 में रिति के साथ अपना करार खत्म कर लिया, वहीं जडेजा ने पिछले साल अक्टूबर में ही रिति को अलविदा कह दिया। Read more

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